रांची (विनय चतुर्वेदी). चंदवा में हुई नक्सली घटना के बाद भारत निर्वाचन अायाेग ने रिटायर्ड अाईपीएस अफसर मृणाल कांति दास काे झारखंड विधानसभा चुनाव में स्पेशल पुलिस अाॅब्जर्वर बनाया है। मणिपुर के पूर्व डीजीपी 1977 बैच के अाईपीएस दास 2019 के लाेकसभा चुनाव में त्रिपुरा अाैर मिजाेरम के भी स्पेशल पुलिस अाॅब्जर्वर बनाए गए थे। मुख्य निर्वाचन अायुक्त सुनील अराेड़ा ने 22 नवंबर की रात उन्हें तत्काल रांची पहुंचने काे कहा। अगले दिन 23 नवंबर काे जब रांची में वह मुख्य निर्वाचन अधिकारी अाैर पुलिस अफसराें के साथ बैठक कर रहे थे, उसी दाैरान पलामू के पीपरा बाजार में नक्सलियाें ने एके-47 से दाे लाेगाें की जान ले ली। दैनिक भास्कर से खास बातचीत में उन्हाेंने कहा-यह मेरे लिए चुनाैती है
झारखंड में भयमुक्त और निष्पक्ष चुनाव कराने आया हूं। ऐसा ही करके जाउंगा। हालांकि उन्होंने माना कि यहां पुलिस और खुफिया सूचना तंत्र चिंताजनक है, पर विश्वास भी जताया कि यह स्थिति बदलेगी। पार्टी विशेष को फायदा पहुंचाने के लिए सुरक्षा के नाम पर सैकड़ों बूथों को पांच से 10 किलोमीटर दूर करने के सवाल पर कहा- केवल सुरक्षा के नाम पर बूथ नहीं बदले जाएंगे। जमीनी सच्चाई का पता लगाया जाएगा। बहुत जरुरी हुआ तभी सभी बूथ बदले जाएंगे। फिर भी गांवों से बूथ की दूरी तीन किलोमीटर से अधिक नहीं होगी। इसका व्यापक प्रचार कराया जाएगा। वोटरों को सरकारी गाड़ियों से बूथों पर लाने लाने-ले जाने की व्यवस्था होगी। पेश है उनसे बातचीत के मुख्य अंश...
सवाल- आखिर वोटरों को भयमुक्त वातावरण कैसे मिलेगा?
जवाब - किसी भी बूथ पर सुरक्षाबलों की कमी नहीं होने दी जाएगी। सभी चरणों के सभी बूथों पर पर्याप्त संख्या में फोर्स की तैनाती होगी। मतदान के पहले ही संबंधित क्षेत्रों के प्रमुख हाट-बाजार और चौक-चौराहों पर भी पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति होगी।
सवाल- नक्सलियों के वोट बहिष्कार के आह्वान से कभी-कभी किसी खास दल को फायदा पहुंचता है, इसके लिए क्या करेंगे?
जवाब - ऐसी स्थिति नहीं आने दी जाएगी।
सवाल- लगातार दो दिन दो बड़े नक्सली वारदात पर क्या कहेंगे?
जवाब - यह घटना दुखद है। पुलिस और खुफिया को अपना सूचना तंत्र और मजबूत बनाना होगा। सूचनाओं के लिए हमें आम लाेगाें तक पहुंचना होगा।
सवाल- आप झारखंड के लिए नए हैं, कैसे सूचनाएं इकट्ठा करेंगे?
जवाब - झारखंड का कोई भी व्यक्ति मेरे वाॅट्सएप नंबर 9717488193 पर जरूरी सूचनाएं दे सकता है। गोपनीय सूचनाएं देने के लिए भी कोई फोन कर सकता है। मिल सकता है। मेरी प्राथमिकता सिर्फ वोटर हैं, जिन्हें भयमुक्त वातावरण देना है।
सवाल- नक्सली गतिविधियाें पर कैसे लगाम लगाएंगे?
जवाब - पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं। हमारी प्राथमिकताएं सिर्फ योजनाएं बनाना नहीं, उसे जमीन पर भी उतारना है। चुनाव में लगे अफसरोंं को अपना काम पता है। उन्हें बस उसे मूर्त रूप देना है। प्रयास होगा कि तय समय में सारे काम निर्धारित गति से हो।
सवाल- लोगों को कैसे भरोसा दिलाएंगे कि वे वोट देने घरों से निकलेंगे तो सुरक्षित रहेंगे...
जवाब - मैं फिर दोहरा रहा हूं कि वोटरों की सुरक्षा और निष्पक्ष चुनाव हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके लिए सभी इंतजाम किए जाएंगे। सोमवार से पहले चरण के सभी विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करूंगा। हर विस क्षेत्रों में जाकर वहां की जमीनी हकीकत के मुताबिक योजनाएं और रणनीतियां बनेंगी। लोगों से मिलना भी होगा।